कुछ हौसले टूट रहे है उनकी निगाहों को देख कर कुछ ख्व्वाब मेरे टूट गये सिसकती आँखों को देखकर कुछ हम टूट से गये वो कापती बाहों को देखकर की दर्द दिया किसने मेरे मांझी को लूटकर मेरा रोम रोम कांप गया उनके बारे में सोचकर की कुछ पल को दूर जाऊंगा तो हो जायेगा ऐसे की छुट जाएँगी मेरी साँसे मुझसे ही यु रूठकर
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