Friday, October 10, 2014

कुछ हौसले टूट रहे है उनकी निगाहों को देख कर 
कुछ ख्व्वाब मेरे टूट गये सिसकती आँखों को देखकर 
कुछ हम टूट से गये वो कापती बाहों को देखकर 
की दर्द दिया किसने मेरे मांझी को लूटकर 
मेरा रोम रोम कांप गया उनके बारे में सोचकर 
की कुछ पल को दूर जाऊंगा तो हो जायेगा ऐसे
की छुट जाएँगी मेरी साँसे मुझसे ही यु रूठकर

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