कई सपने सजोये बैठे है
दिल के एक छोटे से कोने में
और सीने से लगा रखे है
रखते है तकिये के नीचे ख़त को तेरे
आँख में जब नींद नही आती है
धीरे धीरे रात जब तडपाती है
मन के सिरहाने रखके ख़त को तेरे
टुकुर टुकुर यु ही हम जो देखते है
और सीने से लगा रखे है
रखते है तकिये के नीचे ख़त को तेरे
ठंडी ठंडी हवा के उन झोको से
बाते जाने कितनी करता हु
है मेरा एक ये संदेसा उनको
कहेना उनसे मैंने भेजा है
और सीने से लगा रखे है
रखते है तकिये के नीचे ख़त को तेरे
हर शब्द में छुपा है अक्स तेरा
जिनको निहारता रहता हु
कभी कभी भूल जाता हु पलकों से कहना
दो घडी तुम भी आराम कर लेते सही
पलके छपकना भूल जाती है
जब यादे तुम्हारी आती है
हर वक़्त दीदार तेरा होता है
तू नही सही तेरा ख़त मेरे पास होता है
आ जाओ मन के सूने आँगन में मेरे
और सीने से लगा रखे है
रखते है तकिये के नीचे ख़त को तेरे
और सीने से लगा रखे है
रखते है तकिये के नीचे ख़त को तेरे..............................
निर्मल मन ....................................
दिल के एक छोटे से कोने में
और सीने से लगा रखे है
रखते है तकिये के नीचे ख़त को तेरे
आँख में जब नींद नही आती है
धीरे धीरे रात जब तडपाती है
मन के सिरहाने रखके ख़त को तेरे
टुकुर टुकुर यु ही हम जो देखते है
और सीने से लगा रखे है
रखते है तकिये के नीचे ख़त को तेरे
ठंडी ठंडी हवा के उन झोको से
बाते जाने कितनी करता हु
है मेरा एक ये संदेसा उनको
कहेना उनसे मैंने भेजा है
और सीने से लगा रखे है
रखते है तकिये के नीचे ख़त को तेरे
हर शब्द में छुपा है अक्स तेरा
जिनको निहारता रहता हु
कभी कभी भूल जाता हु पलकों से कहना
दो घडी तुम भी आराम कर लेते सही
पलके छपकना भूल जाती है
जब यादे तुम्हारी आती है
हर वक़्त दीदार तेरा होता है
तू नही सही तेरा ख़त मेरे पास होता है
आ जाओ मन के सूने आँगन में मेरे
और सीने से लगा रखे है
रखते है तकिये के नीचे ख़त को तेरे
और सीने से लगा रखे है
रखते है तकिये के नीचे ख़त को तेरे..............................
निर्मल मन ....................................
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