ek muskaan
i want to write which is says my heart my feelings my dreams my aim and lot of things
friends
facebook
Wednesday, October 15, 2014
लोग अपनी मुहब्बत को कैसे अनदेखा करते है कैसे उसको नजरंदाज करते है ये तो अनछुआ एहसास है एक विस्वास है इसको कैसे लोग बेकद्री से तोड़ते है और अपनी हैवानियत की मिशाल देते है
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment