Wednesday, October 15, 2014

इकरार

आज एहसास हो रहा है की कितना प्यार है और कितना दर्द होता है बिछड़ने में
लेकिन कुछ पल बहुत ख़ास होते है जो विशेष रूप से एहसास कराते है
आज आंखे भी नम है और दिल में दर्द भी है लाख बाते करने का मन हो रहा है ये रात तुम्हारे साथ गुजरने का मन कर रहा है लेकिन सिर्फ सोच तक ही सीमित हु
बंधन है समय का मजबूर किया है उसने हम दोनों को दूर करके देखते है इस समय में ताकत है या हमारे प्यार में कब तक हमे हम से दूर रखता है वो बहुत खुशनसीब है जिन्हें ये पल नसीब हुए हम भी इंतज़ार करेंगे उस लम्हे का जब वो हमारी जिन्दगी से ,हमारी धडकनों से ,हमारी साँसों से वो दीदार कराएगी

ये मेरी तन्हा मुहब्बत है जिसने हमे तन्हा किया है इस अनजाने दर्द का एहसास कराया है हमे दूर करके

लेकिन इसके साथ ही दूरिया बढ़ी तो प्यार भी बहुत बढ़ा

हमे तुमसे हुआ है प्यार हम क्या करे
आप ही बताओ हम कैसे जिए

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