सच में जब अपनो का साथ मिलता है तो असीमित शक्ति का एहसास होता है,,,जो मेरे सहकर्मियों और मित्रो की वजह से मुझे मिली ,,,,सच में इनके बिना मैं कुछ भी नही,,,और शायद ये भी ,,इसी लिए ये रिश्तों की डोर ,,,मोती की माला जैसी है जिनमे नित नई मोतियां जुड़ती जा रही है,,,मेरे अपनों के रूप में ,,,जिनमे हर नया रिश्ता मेरे लिए ,,,और मेरी जिन्दगी के लिए अप्रतिम है,,,ये अनुभव भी सच में अद्भुत है ,,,,
जहाँ सब अपने है,,कोई पराया नही,,,,
जहां सिर्फ प्रेम है,,,द्वेष नही,,,
जहां गैर होकर भी अपनों से बढ़कर है,,और कोई गैर नही,,,
बस मैं यही कहूंगा
Love you jindgi,,,,,
Regards
Earth care foundation
Nirmal kumar awasthi
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