जब मनुष्य ही मनुष्यता का अंत करने लगे ,,,तो उस परिस्थिति में ,,,,सम्पूर्ण धरा की धरोहर बचाना अत्यंत ही कठिन होता है,,,,
चाहे वो हमारी संस्कृति हो,,,
या हमारा आस्तित्व,,,,
निर्मल अवस्थी
जब मनुष्य ही मनुष्यता का अंत करने लगे ,,,तो उस परिस्थिति में ,,,,सम्पूर्ण धरा की धरोहर बचाना अत्यंत ही कठिन होता है,,,,
चाहे वो हमारी संस्कृति हो,,,
या हमारा आस्तित्व,,,,
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