Wednesday, January 11, 2017

जिसके पास खोने के लिए कुछ भी ना हो,,,उसको कैसा भय,, कैसा शोक,,कैसा प्रलाप,,,

जिसके पास खोने के लिए कुछ भी ना हो,,,
उसको कैसा भय,,
कैसा शोक,,
कैसा प्रलाप,,,
ना ही कोई हर्ष,,,
ना प्रेम,,,
ना विरोध,,,
ना आक्रोश,,,,
ना विरह की पीड़ा,,
फिर भी कुछ है,,,
जो जीने नही देता,,,
जैसे,,,
जाने कहाँ खोया है मेरा साँवरा,,,
मेरा कृष्णा,,,

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