आज रोया है इक माँ का आँचल,,,
जाने कितने घरोंदे आज सूने है,,,
दोष किसका है,,,ये जानते है सब,,,फिर भी
उस माँ की मुश्कान ,,,अब लौटेगी नही,,
हाँ शायद कभी नही,,,
हे ईश्वर।।।।।।।।।
आज रोया है इक माँ का आँचल,,,
जाने कितने घरोंदे आज सूने है,,,
दोष किसका है,,,ये जानते है सब,,,फिर भी
उस माँ की मुश्कान ,,,अब लौटेगी नही,,
हाँ शायद कभी नही,,,
No comments:
Post a Comment