Thursday, January 19, 2017

आज रोया है इक माँ का आँचल,,, जाने कितने घरोंदे आज सूने है,,, दोष किसका है,,,ये जानते है सब,,,फिर भी उस माँ की मुश्कान ,,,अब लौटेगी नही,, हाँ शायद कभी नही,,, हे ईश्वर।।।।।।।।।

आज रोया है इक माँ का आँचल,,,
जाने कितने घरोंदे आज सूने है,,,
दोष किसका है,,,ये जानते है सब,,,फिर भी
उस माँ की मुश्कान ,,,अब लौटेगी नही,,
हाँ शायद कभी नही,,,

हे ईश्वर।।।।।।।।।

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