सच में प्यार करने के बहाने हमे ढूंढने की जरूरत आज तक नही पड़ी घर में ,,,अपने परिवार के संग ,,उसके साथ साथ हमारे सिद्धि और शिवा,,, काम पर मेरे साथ काम करने वाले जो मुझसे छोटे वो मेरे भाई जैसे जिनको मैं हमेशा हंसाता रहता हूं,,,कंपनी से बाहर भी सब अपने से लगते है जो भी निश्छलता से मुझसे बात करता है उन सभी लोगो से अकारण ही एक अलग सा लगाव हो जाता है,,,,फिर पता नही क्यों लोग ,,,
जात पात,,,
धर्म,,,
भेद भाव,,,
अपना पराया,,,
तेरा,,,मेरा करने में ये अनमोल जीवन व्यर्थ में नष्ट कर देते है,,,,
मेरा आशय मात्र इतना ही हैं कि मात्र कुछ लोगों के बहकावे में आकर या ,,,अपने अभिमान,,,और जिद के कारण,,,अपने जिंदगी के अनमोल लम्हो को ,,,,नष्ट कर देते हैं,,,
अपने लिए नही तो कम से कम अपने अखण्ड देश की गरिमा बनाये रखने के लिए,,,,कम से कम ये सरल कार्य कर ही सकते है
जय हिन्द
जय भारत
निर्मल अवस्थी
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