संगिनी हो जीवन की मेरे
वजूद मेरा ही कहा है
जब इस गली से गुजरा तो जाना
पैमाने मोहब्बते के अजमाए नही थे
लेकिन चले जो आजमाने तो
अस्तित्वहीन हो गये
राहो में ढूढ़ने निकले थे कुछ
और मिल गया वो
जिसको सोचा नही था कभी
वजूद मेरा ही कहा है
जब इस गली से गुजरा तो जाना
पैमाने मोहब्बते के अजमाए नही थे
लेकिन चले जो आजमाने तो
अस्तित्वहीन हो गये
राहो में ढूढ़ने निकले थे कुछ
और मिल गया वो
जिसको सोचा नही था कभी
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