Friday, July 4, 2014

हमे काफ़िर समझे दुनिया तो समझने दो पर हम तुम्हारी इबादत करेंगे

हमे काफ़िर समझे दुनिया तो समझने दो
पर हम तुम्हारी इबादत करेंगे
टूट जाये चाहे जितने महल सपनो के
लेकिन दिल न टूटने देंगे अपनों के
हर तूफ़ान से लड़ेंगे
कभी गिरेंगे कभी संभलेंगे
आसमा पे उड़ने की ख्वाइश नही है मेरे दोस्तों
उनको मुमताज तो हम मुहब्बत के शाहजहाँ बनेंगे
बंदगी करेंगे हमेसा हर दिल की
जो मुहब्बत को जिंदगी समझते है
हमे काफ़िर समझे दुनिया तो समझने दो
पर हम तुम्हारी इबादत करेंगे

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