हाय इस मुस्कराती शाम में इन लडखडाते लबो को सहारा मिल जाता
एक कप चाय की चुस्की के साथ कुछ लम्हों को हम गुनगुना लेते तेरे संग बैठ कर यु ही कुछ लम्हों को बिता लेते लेकिन सौख चर्राया था विदेश की रोटी कमाने का अब ना ही वो शाम है ना ही लडखडाते लबो को आराम है न वो चुस्किया है चाय के प्यालो की एक ही बात आज है हम कल भी लुटते थे और आज भी लुटते है हाय मेरी तन्हा मुहब्बत ये पैगाम मैंने भेजा है अपनी मुहब्बत के नाम
LOVE YOU HMESHA
एक कप चाय की चुस्की के साथ कुछ लम्हों को हम गुनगुना लेते तेरे संग बैठ कर यु ही कुछ लम्हों को बिता लेते लेकिन सौख चर्राया था विदेश की रोटी कमाने का अब ना ही वो शाम है ना ही लडखडाते लबो को आराम है न वो चुस्किया है चाय के प्यालो की एक ही बात आज है हम कल भी लुटते थे और आज भी लुटते है हाय मेरी तन्हा मुहब्बत ये पैगाम मैंने भेजा है अपनी मुहब्बत के नाम
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