बाँध टूटता जा रहा है सब्र का
लहू आँखों में उतर के जो आया है
सौगंध है माँ भारती की
रक्तरंजित करदेंगे
सम्पूर्ण धराको
मिटा देंगे तेरा नामोनिशान,,,,,,,,,,,पकिस्तान ,,,,,,,,,,,
लहू आँखों में उतर के जो आया है
सौगंध है माँ भारती की
रक्तरंजित करदेंगे
सम्पूर्ण धराको
मिटा देंगे तेरा नामोनिशान,,,,,,,,,,,पकिस्तान ,,,,,,,,,,,
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