Thursday, October 27, 2016

हाँ इक शाम बाकी है ............जो मिल जाओ मुझको तुम

हाँ इक शाम बाकी है ............जो मिल जाओ मुझको तुम
 नयनो का जाम बाकी है ,,,,,,कुछ लम्हे बिताओ मेरे संग 
साँसे है कितनी किसके जहन में ,,,,,,ये कोई क्या जाने
 हाँ इक रात मुझको ,,,अजनबी बना जाओ मुझको तुम
 हाँ इक शाम बाकी है ............जो मिल जाओ मुझको तुम
 नयनो का जाम बाकी है ,,,,,,कुछ लम्हे बिताओ मेरे संग
 तेरे बिन कुछ तो बाकी है ,,,मेरा मुझमे अधूरा है 
था दिल तडपा था तेरे बिन ,,,हुआ सपना ना जो पूरा है 
वही तन्हा मेरी राते ,,, सिसकता था हर लम्हा मेरा
 हाँ बुझते हुए इस मन का ,,,,इक दीपक बन जाओ तुम
 हाँ इक शाम बाकी है ............जो मिल जाओ मुझको तुम
 नयनो का जाम बाकी है ,,,,,,कुछ लम्हे बिताओ मेरे संग

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