Thursday, October 27, 2016

संवाद ,,,,

कुरीतिया कैसी भी हो उनका अंत होना चाहिए और इनपर कुछ समाज के ठेकेदारों की व्यर्थ की बहस नही होनी चाहिए जिससे किसी की जिन्दगी जुडी हो किसी की जिन्दगी का सवाल हो क्योकि कुछ समाज के ठेकेदारों को ये दर लगा रहता है की अगर कुछ गलत परम्पराए और कुरीतिया ख़त्म हो गयी तो इनको कौन पूछेगा और फिर जब हम अछि तरह जानते है की ये सिर्फ स्वार्थी है और अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते है तो कुछ पब्लिसिटी के लिए कुछ भी करने या कुछ भी बोलने से गुरेज नही करते है चाहे वो दहेज़ प्रथा हो तीन तलाक हो किसी की बेटी की प्रताड़ना हो या किसी मजबूर और कमजोर की इज्जत पर हमला या बहुत से कुछ और है जिनका जवाब सबके पास है पर हिम्मत कुछ में ही है इसलिए एक देश एक भाषा और एक ही कानून होना चाहिए सभी धर्मो के लिए जय हिन्द जय भारत

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