Thursday, October 27, 2016

मन में आशाओ के झुरमुट कभी बनते है कभी ओझल हो जाते है सच में आजाद पंछी की तरह है ये जो मस्त गगन में झूमते रहते है

मन में आशाओ के झुरमुट
कभी बनते है
कभी ओझल हो जाते है
सच में आजाद पंछी की तरह है ये 
जो मस्त गगन में झूमते रहते है

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