Thursday, October 27, 2016

हम भी सोचते थे की कैद में रख लेंगे ,,,अपने दिल को,, मगर ..

हम भी सोचते थे की कैद में रख लेंगे ,,,अपने दिल को,,
मगर ..
बेफिक्र पंछी की तरह ये उड़ता ही चला गया
अब नादान है 
या
अनजान
या
बुद्धिमान
पतानही

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