रघुकुल रीती सदा चली आई प्राण जाये पर वचन न जाई प्रभु राम चन्द्र जी के अनुसार हमारे आचरण ही हमारी पहचान बनाते है कुछ बोलिए बोलने से पहले ये जरूर सोचिए की उसका परिणाम क्या होगा केवल आप पर ही नही पूरे समाज पर और आपका हर एक शब्द मानव मात्र के कल्याण के लिए होना चाहिए वो किसी भी जाती विशेष या वर्ग से समबन्धित नही होना चाहिए क्योकि मैं एक सवाल पूछना चाहता हु उसका जवाब आप सब सोच कर दीजिये की कोई नवजात बच्चा अगर किसी रास्ते पर लावारिस की तरह पड़ा है रो रहा है १-तो उससे आप उसकी जाती पूछेंगे फिर उसको फिर उसको सहारा देंगे या २-फिर ये सोचेंगे की बच्चे तो भगवान् का रूप होते है ये मानकर उसको सहारा देंगे प्रतीक्षा आपके जवाब की मित्रो बोलो सियावर राम चन्द्र की जय
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