Tuesday, November 8, 2016

विचार कीजिये,,,,,

थोड़ी शाम ढल चुकी थी मैं भी ड्यूटी से निकल चुका था हाँ याद आया की सब्जी भी लेनी है मैं पहुच गया बाज़ार में काफी चीजे लेली थी मैंने तभी एक बुजुर्ग औरत मेरे सामने आ गयी काफी बुजुर्ग थी चेहरे पर सिकन थी उन्होंने थोडा कांपते हुए स्वर में कहा बेटा ये साग ले लो भगवान् आपका भला करेगा मुझे भी थोडा अटपटा लगा पर पता नही क्यों एक अपनापन सा लगा मैंने ले लिया और पुछा अम्मा कितने पैसे दे दूं उन्होंने कहा दस रुपये और लेकर जैसे ही चला उन्होंने कहा भगवान आपका भला करे बेटा सच में वो शब्द जैसे मेरे मन को छू गये और मैं मन ही मन सोचने लगा की हे ईश्वर आप इतना मजबूर किसी को क्यों बनाते है, पर अब मैं जब भी जाता हु तो उन अम्मा के पास सब्जी जरूर लेता हूँ और सच में एक लगाव भी हो गया है उनसे जैसे इसीलिए कभी कभी लगता है की रिश्ते बनाने के लिए हमे किसी वजह की जरूरत नही होती है ,,होना चाहिए तो एहसास जो दुसरे के दुःख को अनुभव करके उसको दूर करके अपना बना सके ,,,,इसलिए सभी से मेरा हादिक आग्रह है की आप भी कई ऐसे सच्चे रिश्ते बना सकते है जो आपको तो सुकून देंगे,,,और नये रिश्ते भी ,,,और दूसरो की जरूरत भी पूरी हो जायेगी ,,,

 


विचार कीजिये,,,,,

No comments: