Sunday, November 27, 2016

रिश्तों का विखंडन है ,,,,ये या,,अटूट बंधन है,,, ये

रिश्तों का विखंडन है ,,,,ये
या,,अटूट बंधन है,,, ये
जो पल पल मुझे ,,,अन्दर ही अंदर
तोड़ते रहते है ,,,तो कभी कभी जोड़ते रहते है

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