लेखक मन का कोई हिसाब किताब नही होता है ,,,,,जो मन को अच्छा लगता है वो भी लिख देता है ,,,,,,जो मन को व्यथित कर जाता है ,,,उसको भी अपनी संवेदनाओ में व्यक्त कर देता है ,,,,,शायद इसीलिए कभी कभी लोग इसे असहिष्णु भी कह देते है ,,,
#निर्मलमनकीकल्पना
#निर्मलमनकीकल्पना
No comments:
Post a Comment