Monday, June 23, 2014

क्या फटे पुराने कपडे पहनने वाला इंसान नही होता

मै नही समझ पा रहा हु जमाने को
या जमाना समझना नही चाहता मुझे
शायद मै गलत होऊ या मेरी सोच
लेकिन कैसे शांत करू इन विचारों को
कभी शांत था ये समंदर जो
तो कभी ये लहरो का सैलाब क्यों आया
क्या फटे पुराने कपडे पहनने वाला इंसान नही होता
या हमने टाई पैन्ट बूट पहन लिए तो इंसानियत हमारी जागीर हो गयी
कुछ लोग ये  समझते  तो मई कुछ और समझता हु
उप्पेर वाले ने ये दिवार नही बनाई
तो हम क्यों समझते है अपने को मै
मैंने सुना  था ये मई नाम का शब्द अहम लाता है मन में
लेकिन सभी मैं कुटिल हो गए तो
उनका गुनाह है क्या 

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