इनका बचपन कहाँ है,,,
ना इनके लिए मोदीजी है
ना कोई योगी जी है
नाही कोई नेता
ना हम
ना तुम
शर्म आती है हमे अपने आप पर जब ऐसे लाखों बचपनो को बिखरते देखते है
नम हो जाती है ये आँखें जब इनके सपनो को टूटते देखते है
मर जाती है मेरी सब इच्छाएं,,,जब कुछ रोटी के टुकड़ो के लिए इनको दर डर भटकते देखते है
ऐसे में नाही कोई संत मिलता है
नाही कोई मौलवी जो इनका भी निर्णय करे की इनकी क्या जात है क्या इनका धर्म है
क्योकि ये गरीब है
धर्म के ठेकेदारों को इनसे कोई फायदा नही
#ifeelshameful
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