शाम ढलती रही हैं,,
सूरज की किरणें निकल रही
ये निश्चित है
और,,
जीवन यात्रा चल रही
पर ज़िन्दगी जाने क्यों छल रही,,
बस इंतज़ार है तो सिर्फ तेरा
क्योंकि,, श्री कृष्ण ने कहा है कि,,
तू सत्य है,,
इसलिए तेरा नाम मृत्यु है
हम सभी कुछ अबोध हैं
कुछ ज्ञानी ,,,फिर भी,,
चारों तरफ अनियंत्रित गति से
फैलता जा रहा,,घना अंधकार,,
मन कुटिल है,,,
मृग तृष्णा में उलझा है
क्योंकि ये काल्पनिक असत्य है
इसीलिए,,श्री कृष्ण ने कहा है कि,,
तू सत्य है,,
इसलिए तेरा नाम मृत्यु है
पहिया है समय का,,
निरन्तर चलता रहेगा,,
पर हम सभी के भविष्य का निर्माण,,
तो हमारे द्वारा किया कर्म ही करेगा,,,
जो बोया ,,,वही काटेंगे,,
वही अपनों में हम बाटेंगे,,,
वही धूप,,,छाव ,,
वही सुख,,,दुख बनकर,,
हमसे हमारा हिसाब लेगा
फिर क्या लेना देना,,
मन का मनका तो है एक खिलोना,,
इससे खेलना मात्र मन का भरम है
,,,,,
शाम ढलती रही हैं,,
सूरज की किरणें निकल रही
ये निश्चित है
और,,
जीवन यात्रा चल रही
पर ज़िन्दगी जाने क्यों छल रही,,
बस इंतज़ार है तो सिर्फ तेरा
क्योंकि,, श्री कृष्ण ने कहा है कि,,
तू सत्य है,,
इसलिए तेरा नाम मृत्यु है
Nirmal Earthcarefoundation Ngo
EARTHCARE FOUNDATION
No comments:
Post a Comment