Sunday, March 5, 2017

क्यों भटके,,,तू मंदिर,,मस्जिद,, चर्च,, और,,गुरुद्वारे में,,

क्यों भटके,,,तू मंदिर,,मस्जिद,,
चर्च,, और,,गुरुद्वारे में,,
घर की माँ की फ़िक्र नही,,,
तुझ बिन तड़पे चौबारे में,,,
पूज ले इनके चरणों को,,,
इनसे दयावान है कोई नही,,
जो चाहेगा मिल जाएगा,,,
माँ के आंचल,,से सपनों के तारों में,,,

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