मेरी बहुत नही बस कुछ इच्छाएं हैं,,जिंदगी को जीने के लिए
नहीं लालसा मुझे चमक,,धमक की,,
बस अपने माँ बाप के लिए श्रवण कुमार बन पाऊँ,,,
नही उड़ना चाहता हूँ इस विशाल गगन में मैं,,
इस धरा पर रहकर हर माता पिता के हृदय में बस जाऊ,,
ना चाहिए मुझे गाड़ी बंगला,,ना शानो शौकत,,
बस ऐसा बना दो मेरे मालिक मुझे,,,कि
हर बेसहारे को अपना बना पाऊँ,,,
नही किसी से नफ़रत करना मुझे,,ना मैं को अपने मे भरना मुझे,,,
बस ऐसा बना दो मुझे,,
किसी भूखें को रोटी खिला पाऊँ,,
मैं ना जानू जाति,, धर्म,,मज़हब,,
बस इतना करदो करम मुझपे,,
किसी रोते हुए चेहरे को हँसा पाऊँ,,,
जिस दिन ये दौलत मिल गयी मुझे,,,उस दिन मैं अपने आपको सबसे धनवान समझूँगा,,,
और सच मे तू बनाता सबको है ,,,लेकिन,,मेरे ईश्वर,,
उस दिन अपने आपको मैं एक सच्चा इंसान समझूँगा,,,
हे ईश्वर।।।।
विचार कीजिये ।।।।।
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Nirmal Awasthi
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