हर मनुष्य को हृदय से सम्मान देना ईश्वर द्वारा दिया हुआ आशीर्वाद है,,जो उस मनुष्य को महान बनाने की पहली सीढ़ी है
Nirmal Awasthi
Friday, March 30, 2018
हर मनुष्य को हृदय से सम्मान देना ईश्वर द्वारा दिया हुआ आशीर्वाद है,,जो उस मनुष्य को महान बनाने की पहली सीढ़ी है Nirmal Awasthi
मत खेल जाति धर्म का खेल तू बन्दे क्यों खुद को खुद से तोड़ रहा तू,,, जय श्री राम Nirmal Awasthi
मत खेल जाति धर्म का खेल तू बन्दे
क्यों खुद को खुद से तोड़ रहा तू,,,
जय श्री राम
Nirmal Awasthi
मत बाँट मेरी किश्मत की लकीरों को,, डर लगता है टूट के बिखर ना जाऊ कहीं Nirmal Awasthi
मत बाँट मेरी किश्मत की लकीरों को,,
डर लगता है टूट के बिखर ना जाऊ कहीं
Nirmal Awasthi
Wednesday, March 28, 2018
मेरी बहुत नही बस कुछ इच्छाएं हैं,,जिंदगी को जीने के लिए नहीं लालसा मुझे चमक,,धमक की,, बस अपने माँ बाप के लिए श्रवण कुमार बन पाऊँ,,, नही उड़ना चाहता हूँ इस विशाल गगन में मैं,, इस धरा पर रहकर हर माता पिता के हृदय में बस जाऊ,, ना चाहिए मुझे गाड़ी बंगला,,ना शानो शौकत,, बस ऐसा बना दो मेरे मालिक मुझे,,,कि हर बेसहारे को अपना बना पाऊँ,,, नही किसी से नफ़रत करना मुझे,,ना मैं को अपने मे भरना मुझे,,, बस ऐसा बना दो मुझे,, किसी भूखें को रोटी खिला पाऊँ,, मैं ना जानू जाति,, धर्म,,मज़हब,, बस इतना करदो करम मुझपे,, किसी रोते हुए चेहरे को हँसा पाऊँ,,, जिस दिन ये दौलत मिल गयी मुझे,,,उस दिन मैं अपने आपको सबसे धनवान समझूँगा,,, और सच मे तू बनाता सबको है ,,,लेकिन,,मेरे ईश्वर,, उस दिन अपने आपको मैं एक सच्चा इंसान समझूँगा,,, हे ईश्वर।।।। विचार कीजिये ।।।।। www.earthcarengo.org Nirmal Awasthi
मेरी बहुत नही बस कुछ इच्छाएं हैं,,जिंदगी को जीने के लिए
नहीं लालसा मुझे चमक,,धमक की,,
बस अपने माँ बाप के लिए श्रवण कुमार बन पाऊँ,,,
नही उड़ना चाहता हूँ इस विशाल गगन में मैं,,
इस धरा पर रहकर हर माता पिता के हृदय में बस जाऊ,,
ना चाहिए मुझे गाड़ी बंगला,,ना शानो शौकत,,
बस ऐसा बना दो मेरे मालिक मुझे,,,कि
हर बेसहारे को अपना बना पाऊँ,,,
नही किसी से नफ़रत करना मुझे,,ना मैं को अपने मे भरना मुझे,,,
बस ऐसा बना दो मुझे,,
किसी भूखें को रोटी खिला पाऊँ,,
मैं ना जानू जाति,, धर्म,,मज़हब,,
बस इतना करदो करम मुझपे,,
किसी रोते हुए चेहरे को हँसा पाऊँ,,,
जिस दिन ये दौलत मिल गयी मुझे,,,उस दिन मैं अपने आपको सबसे धनवान समझूँगा,,,
और सच मे तू बनाता सबको है ,,,लेकिन,,मेरे ईश्वर,,
उस दिन अपने आपको मैं एक सच्चा इंसान समझूँगा,,,
हे ईश्वर।।।।
विचार कीजिये ।।।।।
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Nirmal Awasthi