Thursday, February 9, 2017

कब तक ,,,,हाँ कब तक,,, हम अपने आप से लड़ते रहेंगे कब तक ,,,,हाँ कब तक,,, ,हम जाति,,, धर्म पर लड़ते रहेंगे

कब तक ,,,,हाँ कब तक,,,
,हम जाति,,, धर्म पर लड़ते रहेंगे
कब तक ,,,,हाँ कब तक,,,
हम अपनी जिद में ,,,जकड़े रहेंगे,,,
ये कट्टर वादी,, सोच,,,
मन पर बढ़ता ये बोझ,,,
कब तक ,,,,हाँ कब तक,,,
हम अपने देश से लड़ते रहेंगे

कब तक ,,,,हाँ कब तक,,,
,हम जाति,,, धर्म पर लड़ते रहेंगे

ये कैसा द्वन्द है,,,
जो अपने आप से है,,,
मन मे दहकती,,,ये अग्नि क्यों प्रचण्ड है,,,
क्यों ना गाये जन,,,गण,, मन
क्यों,,,ना,,गुनगुनाये,,,वन्दे मातरम,,,
क्यों ना गूंजे एक ही नारा,,,
हम भारतवासी,,,गाये जग सारा,,

कब तक ,,,,हाँ कब तक,,,
हम अपने आप से लड़ते रहेंगे
कब तक ,,,,हाँ कब तक,,,
,हम जाति,,, धर्म पर लड़ते रहेंगे

जय हिन्द
जय भारती

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