Tuesday, April 17, 2018

इन लम्हों को समेट ले ऐ ज़िन्दगी,,, यहाँ कोई हिन्दू मुश्लिम नही,, सब भाई भाई है,,, Nirmal Awasthi

इन लम्हों को समेट ले ऐ ज़िन्दगी,,,
यहाँ कोई हिन्दू मुश्लिम नही,,
सब भाई भाई है,,,
Nirmal Awasthi

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