Monday, July 10, 2017

मैं कुछ पल साथ ना दूं,,,मत घबराना तुम,,

मैं कुछ पल साथ ना दूं,,,मत घबराना तुम,,
जिंदगी भी है खेल,,,इसको हंसकर जी लेना तुम,,
हमारा भी तेरे संग ,,,साथ है कब तलक ना पता,,
लेकिन कसम हैं मेरी,,,मेरी याद में आंसू ना बहाना तुम,,
जिंदगी की डोर नाज़ुक है,,,पर मजबूत प्रेम का है बन्धन,,
सफर चाहे जब हो खत्म,,सात जन्मों में मिल जाना तुम,,
मैं कुछ पल साथ ना दूं,,,मत घबराना तुम,,

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