दुनिया की इस भागमभाग में कभी कभी इतना थक जाते है, ऊब जाते है हार जाते है कि मन यही कहता है कि चलो कुछ पल इन सब से दूर चले ,कुछ सुकून के पल जिए ,उस अदृश्य शक्ति को देखे जो संपूर्ण विश्व का संचालन करती है उससे साक्षात्कार करे ,उनसे मिले ,उनके संग बैठे ,और सच कहे तो ये एहसास अविश्सवनीय होता है , ऐसे आनंद की अनुभूति होती है जो शायद ही किसी प्राप्त हो सके।
धन्यवाद मेरे प्रभु। ।
धन्यवाद मेरे प्रभु। ।