Monday, December 23, 2013

ईश्वर का एहसास

दुनिया की इस भागमभाग में कभी कभी इतना थक जाते है, ऊब जाते है हार जाते है कि  मन यही कहता है कि चलो कुछ पल इन सब से दूर चले ,कुछ सुकून के पल जिए ,उस अदृश्य शक्ति को देखे जो संपूर्ण विश्व का संचालन करती है उससे साक्षात्कार करे ,उनसे मिले ,उनके संग बैठे ,और सच कहे तो ये एहसास अविश्सवनीय होता है , ऐसे आनंद की अनुभूति होती है जो शायद ही किसी    प्राप्त हो सके।
धन्यवाद  मेरे प्रभु। ।

Saturday, December 7, 2013

अंतर्द्वंद

कभी कभी मेरा अन्तर्मन इतना विचलित हो  है  कि कदाचित मुझे ये समझ ही नहीं आता कि मैं क्या करू , रोऊ या फिर हंसू  क्योकि आज का ये स्वार्थी   देखकर मन में पता नहीं  कैसा अंतर्द्वंद उठता है कभी कभी मन में ये ख्य़ाल है कि कौन सी दुनिया में आ गया हूँ
हे  प्रभू  कृपया मेरा मार्गदर्शन करे