Friday, October 19, 2012

भरोसा(Trust)

भरोसा एक ऐसी चीज है ,जिसको न ही ख़रीदा जा सकता है न ही बेचा जा सकता है ,और न ही किसी मशीन में बनाया जा सकता है ,ये हमारे रिश्तों पर निर्भर करता है कि हमारे आपस के रिश्ते कैसे है और उन्ही के आधार पर हमे ये एहसास होता है कि हमारे रिश्तों में कितनी खटास है और कितने मजबूत है हमारे रिश्ते ये हमारे सिर्फ और सिर्फ भरोसे और हमारे आपस में प्यार पर निर्भर करता है



तो जी चलो हम एक दुसरे से करते है प्यार    ....................

A blind race of cocrete buildings instead of green plants

a blind race of construction  everywhere ,everybody wants to grow at any rate at any way
nobody want to help our earth our environment why it happens whereas everybody know about this and their result this is only a type of destruction


save environment
save earth
save ourselves

Saturday, October 13, 2012

एहसासों की परछाईयो तले

Friday, October 12, 2012

जिंदगी एक अनसुलझी पहेली

जिंदगी एक अनसुलझी पहेली सी हो हो गई है,
थकी सी हारी सी खंडहर की तरह बेजान हो गई है,
कोई पूछता है तो शब्द नही आते है जुबा पर ,
कुछ खो गया हो जैसे इसका ये अकेली सी हो गई है ,
जिंदगी एक अनसुलझी पहेली सी हो हो गई है,

Thursday, October 11, 2012

कुछ कहना चाहे तो किससे कहे

हम हर पल हर लम्हा कुछ कहेना चाहते है कुछ सुनना चाहते है,कुछ चाहते है,तो कुछ छिपाना चाहते है,लेकिन मेरे सामने ये बहुत बड़ा सवाल है मै... किस से कहू,किसको बताऊ अपने मनन की बात,किसको sunaau जो मेरे इस ह्रदय में उथल पुथल मचा रहा है,मेरे विचारो को समंदर के विशाल वेग से भी तेज क्र रहा है,आखिर कोई तो होना चाहिए जिसको मै अपने मनन की व्यथा बता सकूं...